मानव जीवन बहुत ही निर्मल होता है। मानव जीवन में सात्विकता
, सज्जनता
, उदारता और चरित्र का उत्कर्ष होता हैं। वह खुद का ही नही बल्कि अपने संपर्क में आने वाले का भी उद्धार करता हैं। इसके विरूद्ध तामसी वृत्तियां मनुष्य को पतनोन्मुखी करती हैं उनका मजाक करती हैं।
किसी विद्वान ने यह बात बिलकुल सत्य कही है कि मदिरापान सब बुराईयों की जड़ होती हैं। मदिरा मनुष्य को असंतुलित बनाती है। शराबी व्यक्ति से किसी भी समाज की बुराई की अपेक्षा की जा सकती हैं। इसी कारण से हमारे शास्त्र में मंदिरापान को पाप माना जाता हैं। शराबी व्यक्ति शराब पीकर विवेकषून्य हो जाता है और बेकार
, असंगत और अनिर्गल प्रलाप करने लगता है। उसकी चेष्टाओं में अषलीलता का समावेष होने लगता है। वह षिक्षा
, सभ्यता
, संस्कार और सामाजिक मर्यादा को तोड़कर अनुचित व्यवहार करने लगता है।

इसी कड़ी में नषा मुक्ति दिवस के अवसर पर संस्था प्रमुख तथा अन्य सहयोगी सदस्यों के द्वारा जन मानस को इस विषय पर जागरूक करने तथा नषाखोरो को नषा मुक्ति हेतु प्रेरक पहल करके संबंधी क्रियाकलापों में भागीदार बनकर इस समाज और देष को नषा मुक्ति समाज, नषामुक्त देष की परिकल्पना को सार्थक तथा मूर्त रूप देने संबंधी पहल करने उद्देष्य से इस प्रकार के प्रेरक पहल हेतु संस्था द्वारा ग्राम पंचायत झीट विकासखण्ड -पाटन
, जिला
- दुर्ग में नषा उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में ग्राम पंचायत के सरपंच के सहयोग से ग्रामवासियों को एकत्रित कर ग्राम भ्रमण किया गया एवं नषे के कारण होने वाले दुष्प्रभाव से लोगो को प्रचार-प्रसार के माध्यम से अवगत कराया गया। चुंकि आस-पास के क्षेत्र में नषे की संलिप्तता अधिक है इस कारण आस-पास के ग्रामों के ग्रामवासियों को भी आमंत्रित किया गया एवं नषाबंदी किये जाने हेतु अपील किया गया। नषे के कारण समाज में बढ़ रही कुरितियों से अवगत कराते हुए संस्था के सचिव श्री शंकर लाल धु्रव ने अवैध शराब बिक्री तथा अन्य प्रकार के नषाखोरी को जड़ से समाप्त करने हेतु दृढ़ संकल्प लेने के लिए अपील किया गया।